मद्रास हाईकोर्ट ने गुरुवार को एक कैदी की याचिका पर अनोखा फैसला सुनाया है। मद्रास हाईकोर्ट ने एक कैदी को उसका परिवार बढ़ाने के लिए 2 सप्ताह की अस्थायी छुट्टी दी है। 40 वर्षीय यह कैदी तिरुनलवेली जिले के केंद्रीय कारागार में उम्रकैद की सजा काट रहा है। कोर्ट ने यह भी कहा है कि इस तरह के मामलों के लिए एक समिति का गठन किया जाए।
आपको बता दें कि कैदी की पत्नी ने परिवार बढ़ाने के लिए 2 सप्ताह की छुट्टी की अर्जी दी थी। जिसे कोर्ट ने मंजूर कर लिया। हाई कोर्ट जज एस.विमला देवी और जज टी. कृष्णा वल्ली की खंडपीठ ने सिद्दीक अली की पत्नी की याचिका पर सुनवाई करते हुए ये आदेश दिया है।
पीठ ने कहा कि वक्त आ गया है कि सरकार को एक समिति का गठन कर कैदियों को साथी के साथ रहने और संबंध बनाने की मंजूरी देने पर विचार करना चाहिए। कई देशों में कैदियों को ऐसे अधिकार दिए गए हैं।
पीठ ने कहा कि केंद्र ने पहले ही एक प्रस्ताव को मंजूरी दी है कि संबंध स्थापित करना एक अधिकार है ना कि विशेषाधिकार तथा कैदियों को अपनी इच्छा पूरी करने का अधिकार है। कुछ देशों में कैदियों के संसर्ग अधिकार को मान्यता दी गई है। अगर कैदियों की संख्या अत्यधिक है तो सरकार को ऐसी समस्याओं के समाधान तलाशने चाहिए।
अप्रैल 22 , 2018
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