संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावत पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद से जहां एक ओर राजपूत संगठनों ने विरोध तेज कर दिया है, वहीं फिल्म की रिलीज को लेकर मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही हैं। फिल्म 'पद्मावत' की रिलीज रोकने के लिए राजस्थान और मध्य प्रदेश ने पुनर्विचार याचिका दाखिल की है जिस पर सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को सुनवाई करेगा।
Rajasthan and Madhya Pradesh govt moved to Supreme Court seeking modification in its earlier order to lift ban on the film in four states. Supreme Court to hear the matter tomorrow. #Padmavaat pic.twitter.com/gPllEwJTsR
— ANI (@ANI) January 22, 2018
मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए.एम. खानविलकर और न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ की बेंच ने इस याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया है। सुनवाई मंगलवार को होगी।
याचिका में कानून व्यवस्था का हवाला देते हुए दोनों राज्यों ने कहा है कि सिनेमेटोग्राफी एक्ट के तहत उन्हें कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए किसी भी फिल्म के प्रदर्शन को रोकने का अधिकार है।
हालांकि, ‘पद्मावत’ के निर्माता वायकॉम 18 के वकील हरीश साल्वे ने इस मामले में किसी भी तरह की अंतरिम राहत का विरोध किया है।
16000 महिलाओं ने पीएम और राष्ट्रपति से मांगी जौहर की इजाजत:
फिल्म 'पद्मावत' पर देश भर में बैन लगाने की मांग को लेकर 16,000 महिलाओं ने पीएम नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति को चिट्ठी लिखकर जौहर (इच्छामृत्यु) की इजाजत मांगी है। राजस्थान की ये महिलाएं राजपूत के अलावा दूसरे समाज से भी ताल्लुक रखती हैं।
इंदौर में फिल्म पद्मावत का उग्र विरोध, आगजनी और चक्काजाम:
फिल्म पद्मावत के विरोध में करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने इंदौर में घंटो बसों में सवार माँ बहनों को परेशान किया। इंदौर में फिल्म को लेकर उग्र विरोध हुआ। करणी सेना से जुड़े लोगों ने यहां आगजनी और चक्काजाम किया। विरोध के चलते बनीं तनाव की स्थिति को काबू करने के लिए भारी पुलिस फोर्स तैनात किया गया। करणी सेना ने लगातार फिल्म के विरोध का ऐलान किया है।
सेना के प्रदेशव्यापी प्रदर्शन के दौरान इंदौर-देवास बायपास टोल नाके पर कार्यकर्ताओं ने उग्र प्रदर्शन किया। इंदौर देवास बायपास टोल नाका के पास करणी सेना के सैकड़ों कार्यकर्ता जमा हुए और फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगाने की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान कार्यकर्ताओं ने मुख्य सड़क पर ही टायर जलाए और मार्ग बाधित किया।
कार्यकर्ता पूरा बायपास मार्ग घेरे हुए थे और वाहनों की आवाजाही को पूरी तरह रोक दिया गया था। इतना ही नहीं कुछ कार्यकर्ता गाड़ियों को चालकों को बाहर निकालने के लिए भी बढ़े, लेकिन मौके पर मौजूद भारी पुलिस फोर्स ने उन्हें काबू किया। करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने यहां नारेबाजी की और फिल्म का विरोध किया।
कार्यकर्ताओं ने चेतावनी दी कि वे पद्मावत फिल्म को प्रदेश में नहीं चलने देंगे।दर्शन के दौरान बायपास पर वाहनों की आवाजाही पूरी तरह बंद हो गई थी और वाहनों की लंबी कतारें लग गई थी। विरोध और चक्काजाम के चलते यहां भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था।
में पुलिसकर्मियों ने जलते टायरों को मुख्य सड़क से हटाया और कार्यकर्ताओं से गुजारिश करते हुए यातायात बहाल कराया। प्रदर्शन के कारण करीब 1 घंटे तक यातायात बाधित रहा।
अप्रैल 21 , 2018
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