कश्मीर में सेना के काम करने के तरीके को साफ करते हुए आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत ने कहा कि हम ये नहीं मानते कि सभी कश्मीरी आतंकवाद में शामिल हैं।
उन्होंने कहा,
हमारा काम कश्मीरियों में से आतंकियों को अलग करना और उन्हें टारगेट करना है।
आर्मी चीफ ने सेना के बारे में बनी उस राय को नकार दिया, जिसमें कहा जा रहा है कि सेना सभी कश्मीरियों के खिलाफ है और उन्हें आतंकवाद में शामिल मानती है। इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, आर्मी चीफ बोले,
हम ये समझते हैं कि सभी कश्मीरी इस कथित आतंकवाद में शामिल नहीं हैं। केवल कुछ लोग हैं, मुट्ठीभर लोग, जो हिंसा और आतंकवाद में शामिल हैं। हमारा काम कश्मीरी लोगों में से आतंकवादियों को अलग करना है।
घाटी में पुराने ढर्रे पर नहीं लौटी सेना
रावत ने इस बात से भी इनकार कर दिया कि सेना घाटी में पुराने CASO (घेराबंदी और सर्च ऑपरेशंस) ढर्रे पर लौट आई है। बता दें कि पिछले दिनों ये रिपोर्ट्स आई कि शोपियां के 15 गांवों में 4000 जवानों ने घेराबंदी और सर्च ऑपरेशन चलाया।
रावत ने कहा,
हम कश्मीर में पुराने CASO ढर्रे पर नहीं आए हैं। हम जानते हैं कि इससे लोकल लोगों को काफी परेशानियां होती हैं। ये केवल सर्च ऑपरेशन हैं, घेराबंदी जैसा कुछ नहीं है।
सेना ने घाटी में CASO को करीब 15 साल पहले बंद कर दिया था, क्योंकि इससे कोई बड़ा नतीजा नहीं हासिल हो रहा था। इससे भी ज्यादा लोगों को होने वाली परेशानियों के चलते वो विरोधी हो रहे थे। सोर्सेस के मुताबिक, CASO में सभी गांववालों को घेरकर उन्हें गांव के बीच में लाया जाता था और तलाशी होती थी। लेकिन, अभी साउथ कश्मीर में अचानक कुछ घरों में सर्च ऑपरेशन होता है, जिन पर शक हो
"इन इलाकों में सर्च ऑपरेशन का मकसद प्रेशर बनाना और आतंकवादियों को गांव छोड़ने पर मजबूर करना है। सर्च ऑपरेशंस के दौरान पब्लिक प्रोटेस्ट से मुश्किल आती हैं। ऐसे में अगर आतंकी गांवों से दूर जंगलों में जाते हैं तो ऑपरेशन में आसनी होगी।"
तेज होंगे सर्च ऑपरेशंस
सोर्सेस के मुताबिक,अमरनाथ यात्रा से पहले घाटी में सर्च ऑपरेशंस और तेज होंगे। अमरनाथ यात्रा 29 जून से 7 अगस्त के बीच साउथ कश्मीर से गुजरेगी, जहां पिछले कई महीनों से लोग सेना के खिलाफ प्रोटेस्ट कर रहे हैं।
लेफ्टिनेंट उमर की हत्या का विरोध करें कश्मीरी
आर्मी चीफ ने कहा,
लेफ्टिनेंट उमर फयाज युवा कश्मीरियों के लिए एक रोल मॉडल थे। उमर जिस मकसद को आगे ले जा रहे थे, उनकी हत्या ने उसे पीछे कर दिया है। वो दूसरे लोगों को भी सेना में शामिल होने के लिए बढ़ावा दे रहे थे। देश को उमर पर फख्र है। ये लोग कश्मीरियों से रोजगार के मौके छीन रहे हैं। लेफ्टिनेंट उमर की हत्या का सभी कश्मीरियों को विरोध करना चाहिए।
फरवरी 17 , 2019
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