गर्मी से राहत पाने के लिए अक्सर कई लोग चिल्ड बियर का सहारा लेते हैं। बेशक बीयर पीने के अपने नेगेटिव इफेक्ट्स होते हैं लेकिन बीयर के कुछ पॉजिटिव इफेक्ट्स भी देखने को मिलते हैं। ऐसा हम नहीं कह रहे बल्कि हालिया रिसर्च में कुछ ऐसी ही बातें सामने आई है।
नई रिसर्च में दावा किया गया है कि आमतौर पर दर्द में राहत दिलाने के लिए इस्तेमाल होने वाली दवा पैरासेटामॉल से कहीं बेहतर पेनकिलर बीयर साबित हो सकती है। यूके स्थित 'ग्रीनविच यूनिवर्सिटी' के 400 लोगों पर किए गए 18 रिसर्च में यह खुलासा हुआ है।
रिसर्च में पाया गया कि बीयर पीने से या तो दर्द का अहसास घट जाता है क्योंकि बीयर ब्रेन रिसेप्टर्स पर काम करती है या फिर यह चिंता घटाने में मदद करती है। इसकी वजह से परेशानी की तीव्रता कम हो जाती है। यही वजह से कि जितनी ज्यादा बीयर पी जाएगी, दर्द का अहसास उतना ही कम होगा।
हाल ही में, ‘द सन’ को दिए गए बयान में ग्रीनविच यूनिवर्सिटी के ट्रेवर थॉमसन ने कहा,
हमने पुख्ता सबूत मिले हैं कि एल्कॉहॉल प्रभावी पेनकिलर है। इसकी तुलना कोडेन जैसे ओपिऑयड ड्रग्स से की जा सकती है जो कि पैरासेटामॉल की तरह ही असरदार है।
रिसर्च के मुताबिक, अगर खून में .08% शराब है, तो दर्द में काफी कमी आती है। विशेषज्ञ इसके पीछे का कारण खोजने में जुटे हैं। इसकी एक वजह उन्हें यह लगती है कि एल्कॉहॉल चिंता कम करता है, जिस वजह से दर्द की तरफ हमारा ध्यान नहीं जाता।
हालांकि इस रिसर्च का मतलब यह बिलकुल भी नहीं है कि शराब पीने को बढ़ावा दिया जाए, बल्कि हम भी यह मानते हैं कि लंबे समय तक बियर या शराब का सेवन करना स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह है। यहां तक कि इसके सेवन से व्यक्ति को हार्ट अटैक और डिप्रेशन जैसी समस्याओं से भी जूझना पड़ सकता है।
फरवरी 22 , 2019
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