चीन-पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर पर भारत के रुख के आगे चीन झुकता नजर आ रहा है। चीन ने परियोजना का नाम बदलने पर भी सहमति जताई है। चीन से साफ तौर पर कहा है कि उसका भारत-पाकिस्तान विवाद में शामिल होने का कोई इरादा नहीं है। वहीं चीन ने स्पष्ट किया है कि NSG की मेंबरशिप के लिए उसे किसी देश के दावे पर कोई भी आपत्ति नहीं है।
No opposition to any country's NSG membership: China
— ANI Digital (@ani_digital) May 8, 2017
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CPEC का नाम बदलने की पेशकश
वन बेल्ट वन रोड (OBOR) योजना पर 14-15 मई को होने वाली अंतरराष्ट्रीय समिट से पहले चीन ने पहली बार भारत की चिंताओं के मद्देनजर चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC) का नाम बदलने की पेशकश रखी है। भारत में चीन के राजदूत लुओ झाओहुई ने कहा है कि है कि CPEC का संप्रभुता से जुड़े मुद्दों से कोई ताल्लुक नहीं है।
OBER पर भारत जताता रहा है आपत्ति
उन्होंने भारत-चीन के बीच मतभदों को दूर करने के लिए चार सूत्रीय प्रस्ताव भी रखा है। बता दें कि चीन-पाक आर्थिक गलियारा OBOR का ही हिस्सा है, जिस पर भारत अपनी आपत्ति जताता रहा है। भारत ने OBOR में शामिल होने की चीन की अपील को भी अबतक कोई तवज्जो नहीं दी है।
भारत में चीन के राजदूत लुओ झाओहुई ने कहा कि चीन भारत के हितों को ध्यान में रखता है। साथ ही पाकिस्तान से उसके विवाद का हिस्सा बनने का उसका कोई इरादा नहीं है। इस दौरान चीनी राजदूत ने साफ किया कि पीओके से गुजरने वाले चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे को लेकर चीन भारत के पक्ष में है। यहां तक कि चीन कॉरिडोर का नाम बदलने की भी सोच सकता है।
कश्मीर से गुजरता है चीन-पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर
बता दें कि चीन-पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर यानी सीपीईसी पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर से गुजरता है। पीओके के नियंत्रण को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच विवाद लंबा है। पीओके और वहां से गुजरने वाले आर्थिक कॉरिडोर को लेकर भारत लगातार अपनी असहमति जताता रहा है।
साथ ही चीन के 46 अरब डॉलर की लागत वाले वन बेल्ट वन रोड का भी भारत कड़ा विरोध करता रहा है। यह चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग का ड्रीम प्रोजेक्ट माना जा रहा है।
ऐसे में सीपीईसी को लेकर चीन का ये रुख भारत के नजरिए से सकारात्मक माना जा रहा है।
भारत-चीन के चार सूत्री प्रस्ताव
भारत से रिश्तों में सुधार के लिए चीन ने चार सूत्री पहल का प्रस्ताव किया है। जिसमें उसके वन बेल्ट, वन रोड परियोजना को भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी से मिलाने और मुक्त व्यापार समझौते पर फिर से बातचीत करना शामिल है।
प्रस्ताव को चीनी राजदूत लुओ झाओहुई ने आगे बढ़ाया है। इसमें चीन-भारत ट्रीटी ऑफ गुड नेबरलाइनेस एंड फ्रेंडली को-ऑपरेशन पर बातचीत शुरू करना और दोनों देशों के बीच सीमा विवाद का जल्दी हल तलाशने के लिए प्राथमिकताएं तय करना शामिल है।
फरवरी 16 , 2019
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