चीन ने फिर अरुणाचल विवाद को हवा दी है। बुधवार को चीन सरकार की तरफ से बयान आया कि वह अरुणाचल प्रदेश वजूद ही नहीं मानता। मीडिया रिपोर्ट में कहा गया था कि बीते दिनों जब चीनी आर्मी सीमा पार कर अरुणाचल प्रदेश में दाखिल हो गई थी, तो चीन ने इस पर चुप्पी साध रखी थी। बता दें कि चीन अरुणाचल को विवादित इलाका मानता है। पिछले साल चीन ने दलाई लामा के अरुणाचल जाने का विरोध किया था।
Not aware of intrusion into 'so-called' #Arunachal : #China https://t.co/gudHfT6r2A pic.twitter.com/Lo5lli2qAy
— The People Post (@thepeoplepost1) January 3, 2018
अरुणाचल में 200 मीटर तक घुसा चीन
डोकलाम विवाद के शांत होने के कुछ महीनों बाद ही चीन की ओर से भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ करने का एक और मामला सामने आया है। चीनी सुरक्षाबल सड़क निर्माण सामग्री के साथ अरुणाचल प्रदेश से लगते सीमाई इलाके में तकरीबन 200 मीटर तक भारतीय क्षेत्र में घुस आए थे। भारतीय जवानों द्वारा खदेड़े जाने के बाद वे सामान छोड़कर भाग गए। चीनी जवान सीमा से लगते एक गांव के पास तक पहुंच गए थे। डोकलाम में टकराव की स्थिति के बाद दोनों पड़ोसी देशों के बीच पैदा तनाव अभी पूरी तरह से खत्म भी नहीं हुआ कि चीन की ओर से एक और उकसाने वाली हरकत सामने आई है।
Chinese soldiers enter #ArunachalPradesh with road construction material before being confronted by Indian troopshttps://t.co/ohC4XgbIyi
— IBTimes India (@ibtimes_india) January 3, 2018
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, चीनी जवानों द्वारा घुसपैठ करने की यह घटना पिछले साल दिसंबर के अंतिम सप्ताह की है। इसी दौरान दोनों देशों के बीच विशेष प्रतिनिधि स्तर की वार्ता हो रही थी। भारत की ओर से राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीन की ओर से पोलित ब्यूरो के सदस्य यांग जेईची इसमें हिस्सा ले रहे थे। चीन की ओर से ताजा घुसपैठ की घटना अरुणाचल प्रदेश के ऊपरी शियांग जिले में सामने आई है।
सीमा विवाद पर हमारा रुख साफ
न्यूज एजेंसी के मुताबिक चीन के विदेश मंत्रालय के स्पोक्सपर्सन गेंग शुआंग ने कहा कि सीमा मसले पर हमारा रुख साफ है, उसमें कोई बदलाव नहीं हुआ है। जिसे अरुणाचल प्रदेश कहा जाता है, हमारी नजर में उसका कोई वजूद ही नहीं है। अगर आप कोई खास स्थिति बताना चाहते हैं कि उसके बारे में मुझे पता नहीं है।
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मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया था कि पिछले महीने चीनी सेनाएं अरुणाचल के सियांग जिले में 200 मीटर अंदर तक आ गई थीं। चीनी सैनिक कंस्ट्रक्शन के काम को भी पार कर गए थे। उन्हें भारतीय सैनिकों ने रोकने की भी कोशिश की थी। बता दें कि चीन दावा करता रहा है कि अरुणाचल प्रदेश, साउथ तिब्बत का हिस्सा है। चीन-भारत के बीच लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) 3,488 किमी है।
दोनों देश बॉर्डर मसले को हल कर सकते हैं
शुआंग ने कहा कि भारत और चीन के पास बॉर्डर से जुड़े मसले को हल करने के लिए एक मैकेनिज्म है। इससे सीमा विवाद को हल करके शांति और स्थायित्व कायम किया जा सकता है। क्या इसे डोकलाम विवाद के जैसे ही देखा जाना चाहिए, शुआंग ने कहा कि डोकलाम विवाद पिछले साल का मामला था और सुलझा लिया गया था।
बता दें कि चीनी टुकड़ी के कथित रूप से भारतीय सीमा में दाखिल होने का मामला तब सामने आया था जब भारत के नेशनल सिक्युरिटी एडवाइजर (NSA) और उनके चीनी काउंटरपार्ट यांग जीईची के बीच दिल्ली में 22 दिसंबर को सीमा मुद्दे पर 20वें दौर की बातचीत चल रही थी।
भारत-चीन द्विपक्षीय रिश्तों में काफी सुधार आया है। दोनों ही देश सीमा पर मौजूद इलाकों में शांति बनाए रखेंगे। 16 जून को भारत-चीन के बीच डोकलाम विवाद शुरू हुआ था। इसमें दोनों सेनाएं सिक्किम सेक्टर में मौजूद डोकलाम में 100 मीटर की दूरी पर आ गई थीं। भूटान का दावा था कि चीन यहां सड़क बना रहा है। भारत ने इस डेवलपमेंट को रोकने की कोशिश की और चिकन नेक की सिक्युरिटी को खतरा बताया। 28 अगस्त को डोकलाम विवाद सुलझा लिया गया। भारत-चीन दोनों ने अपनी सेनाएं वापस बुला लीं।
फरवरी 21 , 2019
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