भारतीय मूल के गणितज्ञ अक्षय वेंकटेश को फील्ड्स मेडल के सम्मान से नवाजा गया है, जिसे गणित के क्षेत्र का नोबल पुरस्कार माना जाता है। रियो डी जनेरियो में बुधवार को गणितज्ञों की अंतर्राष्ट्रीय कांग्रेस में वेंकटेश (36) को यह पुरस्कार दिया गया।
The 2018 Fields Medal has been awarded to mathematicians Caucher Birkar, Alessio Figalli, Peter Scholze and Akshay Venkatesh. The Nevanlinna Prize has gone to computer scientist Constantinos Daskalakis. Read our exclusive in-depth profiles of them. https://t.co/PKS9xu5SPj pic.twitter.com/fgygap5kU6
— Quanta Magazine (@QuantaMagazine) August 2, 2018
चार साल में एक बार फील्ड्स मेडल 40 साल से कम उम्र के उभरते हुए गणितज्ञ को दिया जाता है। वेंकटेश स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय में प्रोफेसर हैं। वह यह पुरस्कार जीतने वाले दूसरे भारतीय मूल के शख्स हैं, उनसे पहले 2014 में मंजुल भार्गव भी यह पुरस्कार जीत चुके हैं।
An Australian has just been awarded the equivalent of the Nobel Prize of mathematics, the prestigious Fields Medal. #7News pic.twitter.com/YtMnqPRnxl
— 7 News Sydney (@7NewsSydney) August 2, 2018
तीन अन्य विजेताओं में कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर कौचर बिरकर (40), स्विस फेडरल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के एलिसो फिगाली (34) और बॉन यूनिवर्सिटी के पीटर स्कूल्ज हैं। सभी विजेताओं को सोने का मेडल और 15,000 कनाडाई डॉलर का नकद पुरस्कार मिला है।
प्रिंसटन यूनिवर्सिटी ज्वाइन करने वाले हैं अक्षय-:
पुरस्कार के तौर पर अक्षय को गोल्ड मेडल और 15 हजार कनाडाई डॉलर्स (करीब 7.87 लाख रुपए) दिए जाएंगे। उनसे पहले 2014 में मंजुल भार्गव ये सम्मान जीतने वाले पहले भारतीय मूल के व्यक्ति बने थे। अक्षय का जन्म नई दिल्ली में हुआ था। जब वे दो साल के थे तभी उनके माता-पिता ऑस्ट्रेलिया में बस गए थे। अक्षय इस समय स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर हैं। 15 अगस्त से वे प्रिंसटन के इंस्टीट्यूट फॉर एडवांस्ड स्टडी में कार्यभार संभालेंगे।
दिल्ली में हुआ था अक्षय वेंकटेश का जन्म-:
गौरतलब है कि अक्षय वेंकटेश का जन्म नई दिल्ली में हुआ था। वे स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय में शिक्षक हैं। जब वह दो साल के थे तब उनके माता-पिता ऑस्ट्रेलिया चले गए थे। वेंकटेश बचपन से ही प्रतिभाशाली थे।
उन्होंने उच्च विद्यालय में प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं भौतिकी और गणित ओलंपियाड्स में भाग लिया था और 11 व 12 वर्ष की आयु में दो विषयों में पदक जीते थे। उन्होंने उन्होंने 13 वर्ष की उम्र में हाई स्कूल समाप्त किया और 16 साल की उम्र में, 1997 में गणित में प्रथम श्रेणी में अपना ग्रेजुएशन किया। केवल 20 साल उम्र में ही उन्होंने पीएचडी की उपाधि प्राप्त कर ली।
वेंकटेश ने संख्या सिद्धांत, अंकगणितीय ज्यामिति, टोपोलॉजी, ऑटोमोर्फिक रूपों और एर्गोडिक सिद्धांत में उच्चतम स्तर पर काम किया है। उनके शोध को कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है, जिनमें ओस्ट्रोस्की पुरस्कार, इंफोसिस पुरस्कार, सलेम पुरस्कार और शास्त्र रामानुजन पुरस्कार शामिल हैं।
फरवरी 23 , 2019
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