पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के बेटे हुसैन नवाज परिवार की संपत्तियों से जुड़े पनामा पेपर्स मामले में संयुक्त जांच दल (जेआईटी) के समक्ष प्रस्तुत हुए। डॉन न्यूज की सोमवार की रपट के मुताबिक, फेडरल जांच एजेंसी (एफआईए) के अतिरिक्त महानिदेशक वाजिद जिया की अगुवाई में जेआईटी ने संघीय न्यायिक अकादमी में हुसैन नवाज से रविवार को करीब ढाई घंटे पूछताछ की। हालांकि, हुसैन ने जेआईटी के छह सदस्यों में से दो के खिलाफ आपत्ति जताई, जिसे सोमवार को सर्वोच्च न्यायालय में उठाया गया लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने हुसैन नवाज़ की आपत्तियों को सिरे से खारिज कर दिया।
SC rejects Hussain Nawaz’ concerns over JIT members https://t.co/YNu9tiOJ7V
— DailyPakistan Global (@dailypakistangl) May 29, 2017
हुसैन ने मीडिया से कहा कि अदालत ने निरोधक आदेश नहीं जारी किया था, फिर भी उन्होंने दल के निर्देशों का पालन किया और व्यक्तिगत तौर पर उपस्थित होने को प्राथमिकता दी। उन्होंने कहा,
मुझे बीते शनिवार को जेआईटी से एक नोटिस प्राप्त हुआ था और उसमें 28 मई को उपस्थित होने को कहा गया था।
जेआईटी का गठन बीते महीने पाकिस्तान की सर्वोच्च अदालत द्वारा पनामा लीक्स के फैसले के क्रियान्वयन के लिए किया गया था। फैसले में कहा गया है कि प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को अयोग्य घोषित करने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं हैं। हालांकि, सर्वोच्च न्यायालय ने 3-2 के फैसले में प्रधानमंत्री के खिलाफ वित्तीय अनियमितताओं व धन शोधन के आरोपों को लेकर एक नई जांच के आदेश दिए थे। प्रधानमंत्री के बेटे हुसैन इससे पहले कहा था कि वह जेआईटी के समक्ष अपने वकील की मौजूदगी में पेश होना चाहते थे।
हालांकि, डॉन न्यूज को सूत्रों ने बताया कि जेआईटी ने हुसैन नवाज को पूछताछ के दौरान वकील की सहायता लेने की अनुमति नहीं दी और इसके लिए उन्हें पहले सर्वोच्च न्यायालय की अनुमति लेने की बात कही गई। बीते साल के पनामा पेपर लीक्स में आरोप लगाया गया था कि लंदन में मरियम और उनके भाई के संयुक्त स्वामित्व वाली संपत्तियों में मरियम लाभार्थी स्वामी है।
फरवरी 23 , 2019
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