तीन दिन से महाराष्ट्र में जातीय हिंसा का लावा बह रहा है। भीमा कोरेगांव से निकली चिंगारी महाराष्ट्र के 18 ज़िलों के साथ साथ पार्लियामेंट तक भी जा पहुंची, और विपक्ष ने सीधा प्रहार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कर दिया। संसद में चीखते हुए मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा मोदी दलितों के नाम पर मौनी बाबा बन गए हैं।
दरअसल, नए साल पर हुई हिंसा पर पीएम खामोश हैं, और विपक्ष सीधे-सीधे आरोप लगा रहा है कि इस हिंसा के पीछे कट्टरवादी हिंदू संगठनों का हाथ है।
वहीं राहुल गांधी ने महाराष्ट्र हिंसा को लेकर एक ट्वीट किया है, जिसमें कहा है कि बीजेपी और आरएसएस का फासीवादी नजरिया यह है कि दलितों को समाज के निचले स्तर में ही रखा जाए।
A central pillar of the RSS/BJP’s fascist vision for India is that Dalits should remain at the bottom of Indian society. Una, Rohith Vemula and now Bhima-Koregaon are potent symbols of the resistance.
— Office of RG (@OfficeOfRG) January 2, 2018
महाराष्ट्र की इस हिंसा में सियासत तगड़ी हो चली है, सरकार के अपने मंत्री ही सरकार को घेर रहे हैं। अब सवाल ये है आखिर ये हिंसा भड़काई किसने है, और कार्रवाई के नाम पर सरकार ने किया क्या है। पुलिस उनकी है, आईबी उनका है। सीबीआई उनकी है, फिर साजिश के कोड डिकोड क्यों नहीं हो रहे।
Maharashtra: Heavy Police deployment in Aurangabad, stones pelted & vehicles vandalized by protesters #BhimaKoregaonViolence pic.twitter.com/8RuCB3hNa2
— ANI (@ANI) January 3, 2018
आपको बता दें कि मंगलवार को मुंबई के अलावा, हड़पसर व फुरसुंगी में सरकारी और प्राइवेट बसों पर पथराव किया गया। लगभग 134 महाराष्ट्र परिवहन की बसों को नुकसान पहुंचा है। हिंसा की वजह से औरंगाबाद और अहमदनगर के लिए बस सेवा निरस्त कर दी गई थी। मंगलवार शाम चार बजे के बाद पुणे से अहमदनगर के बीच सभी बस सेवाएं बहाल हो गईं।
वहीं महाराष्ट्र पुलिस की नजर में इस सबके पीछे दो शख्स हैं, संभाजी भिड़े गुरुजी और मिलिंद एकबोटे। संभाजी भिड़े महाराष्ट्र में शिव प्रतिष्ठान नाम से संगठन चलाते हैं, तो वहीं मिलिंद एकबोटे हिंदू एकता आघाडी का नेतृत्व करते हैं।
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संभाजी भिड़े गुरुजी और मिलिंद एकबोटे पर लगाए जा रहे आरोप पुख्ता हैं या नहीं इसका पता तो जांच के बाद ही चलेगा। लेकिन, लोगों की नजरों में यही महाराष्ट्र में फैली हिंसा के गुनहगार हैं, मास्टरमाइंड हैं, तो पुलिस को भी इन्हीं दोनों पर शक भी है। दक्षिणपंथी मानसिकता वाले इन दोनों चेहरों पर हिंसा फैलाने और दंगे भड़काने जैसे आरोप पहले भी लग चुके हैं।
गौरतलब है कि अब तक महाराष्ट्र हिंसा के मामले में कुल 16 एफआईआर दर्ज की गई हैं और 300 से भी ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया गया है।
"Total 16 FIRs registered relating to incidents during #MaharashtraBandh yesterday and more than 300 miscreants detained" says Mumbai Police #BhimaKoregaonViolence pic.twitter.com/SDfFqae9OS
— ANI (@ANI) January 4, 2018
इधर भीमा-कोरेगांव लड़ाई की सालगिरह पर भड़की हिंसा का असर पूरे महाराष्ट्र में दिख रहा है। अब आग की चिंगारी पड़ोसी राज्य गुजरात में भी देखने को भी मिल रही है।
Maharashtra: Normalcy restored in Mumbai after protests over #BhimaKoregaonViolence in the state yesterday pic.twitter.com/m6XTMjZqww
— ANI (@ANI) January 4, 2018
बुधवार देर रात दलित समुदाय के कुछ लोगों ने चाणस्मा हाइवे पर टायर जलाकर विरोध प्रदर्शन किया। जिसका असर यातायात पर देखने को मिला था, हालांकि पुलिस ने मशक्कत कर इसे खुलावाया। अभी भी दलितों का गुस्सा शांत नहीं हो रहा है, उन्होंने 5 जनवरी को पाटण बंद का ऐलान कर दिया है।
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