बसपा सुप्रीमो मायावती को सुप्रीम कोर्ट से तगड़ा झटका लगा है। 2009 में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने मायावती के मुख्यमंत्री रहते हुए बनाई गई स्मारकों और मूर्तियों का पैसा लौटाने का आदेश दिया है। साथ ही इस मामले की अगली सुनवाई 2 अप्रैल को होगी।
Supreme Court says prima facie BSP leader Mayawati has to pay back all the public money spent on statues while hearing a plea seeking direction to restrain her from spending public money on building statues. CJI Ranjan Gogoi says it would hear the plea on April 2. (file pic) pic.twitter.com/I6vWjTujfR
— ANI UP (@ANINewsUP) February 8, 2019
साल 2009 में सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई थी। इस याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। लगभग 10 साल बाद इस पर सुनवाई करते हुए सर्वोच्च अदालत ने कहा कि प्रथम दृष्टया तो बीएसपी प्रमुख को मूर्तियों पर खर्च किया गया जनता का पैसा लौटाना होगा।
आपको बता दें कि मायावती ने मुख्यमंत्री रहते हुए प्रदेश में कई पार्कों और मूर्तियों का निर्माण कराय़ा। मायावती ने कई शहरों में हाथी और अपनी कई मूर्तियां लगवाई थीं। बीएसपी प्रमुख ने कई पार्क और स्मारक भी ऐसे बनवाए थे जिसमें उनकी और हाथी की मूर्तियां थीं। इनके साथ कांशीराम और बाबा साहेब आंबेडकर की भी कई मूर्तियां उनके कार्यकाल में लगाई गईं।
पार्कों में लगी मूर्तियों को लेकर समाजवादी पार्टी शुरू से ही बसपा को घेरती रही है। लेकिन फिलहाल दोनों ही पार्टियां एकसाथ मिलकर लोकसभा 2019 का चुनाव लड़ने जा रही हैं। फिलहाल कोर्ट का ये फैसला 2019 के चुनावों से पहले मायावती के लिए बड़े झटके के तौर पर देखा जा रहा है।
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