यह देश यदि पश्चिम की शक्तियों को ग्रहण करे और अपनी शक्तिओं का भी विनाश नहीं होने दे तो उसके भीतर से जिस संस्कृति का उदय होगा वह अखिल विश्व के लिए कल्याणकारिणी होगी। वास्तव में वही संस्कृति विश्व की अगली संस्कृति बनेगी
श्री अरबिंदो
15 अगस्त 1947 को भारत के आजाद होने से करीब 7 दशक पहले इसी दिन 1872 में कलकत्ता में एक महान विचारक, लेखक, क्रांतिकारी और दार्शनिक अरबिंदो यानी श्री अरविंद का जन्म हुआ था। उनके नाम से देश के कई शहरों में आश्रम और चैरिटेबल संस्थान मौजूद है लेकिन ज्यादातर युवा पीढ़ी उनके बारे में बेहद कम जानती हैं।
अरविन्द घोष का जीवन परिचय
फरवरी 21 , 2019
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