बीते 20 सालों से शनि ग्रह का चक्कर लगा रहा अंतरिक्ष यान कैसिनी शुक्रवार को नष्ट हो गया। नासा वैज्ञानिकों ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि कैसिनी यान नष्ट हो चुका है। इस यान से सिग्नल आना अब बंद हो गया है। इसके साथ ही कैसिनी यान का 20 साल का सफर हो गया। कैसिनी स्पेसक्राफ्ट किसी उल्का पिंड की तरह जलकर नष्ट हो गया। यह शनि की कक्षा में था।
#ICYMI, a thrilling epoch in the exploration of our solar system came to a close as @CassiniSaturn dove into Saturn: https://t.co/ggIkTFzbJJ pic.twitter.com/IQB25RqBSN
— NASA (@NASA) September 16, 2017
कैसिनी को 1997 में अंतरिक्ष अनुसंधान के लिए भेजा गया था। उसके नष्ट होने के करीब 83 मिनट बाद धरती पर इसकी खबर पहुंची। कैसिनी अब तक का इकलौता स्पेसक्राफ्ट था जो शनि की कक्षा में पहुंचा था। उसने शनि ग्रह, उसके छल्ले और उसके मून्स को नजदीक से दिखाया था। कैसिनी ने गुरुवार को शनि ग्रह की आखिरी तस्वीरें ली थी। उसने शुक्रवार सुबह शनि के वातावरण में प्रवेश किया था।
One last look…Explore the final @CassiniSaturn pics, taken just hours before its fateful plunge into the planet: https://t.co/dyewjqLoiZ pic.twitter.com/NeOxO8EFHR
— NASA (@NASA) September 15, 2017
To truly reveal the wonders of Saturn, we had to go there. Look back at @CassiniSaturn's 13 amazing years exploring the planet pic.twitter.com/oApb3UJSSF
— NASA (@NASA) September 15, 2017
यह यान पिछले 13 सालों से शनि ग्रह के चक्कर लगा रहा था और वहां से पृथ्वी पर इस ग्रह की जानकारियां भेजता था। कैसिनी ने शनि के साथ ही उसके कई उपग्रहों की भी परिक्रमा की। इस योजना में नासा ने करीब 24,360 रुपये खर्च किए।
कैसिनी अभियान के खत्म होने का औपचारिक ऐलान करते हुए प्रोग्राम मैनेजर अर्ल मेज ने कहा, 'यह एक अविश्वसनीय मिशन था, अद्भुत स्पेसक्राफ्ट था और आप सभी अविश्वसनीय टीम हैं। मैं इसे मिशन का द एन्ड कहूंगा।' इस मौके पर कैसिनी पर नजर रखने वाली टीम पर्पल रंग की शर्ट पहनी हुई थी और उन्होंने एक दूसरे के गले लगाया और हाथ मिलाया।
शुक्रवार को कैसिनी का आखिरी दिन था। अपने आखिरी दिन कैसिनी ने शनि ग्रह के चक्कर काटे और शनि के उपग्रह टाइटन के वायुमंडल में प्रवेश किया जहां से उसने पृथ्वी पर अपना आखिरी संदेश भेजा। कैसिनी के इमेजिंग कैमरा ने शनि के चारों ओर आखिरी तस्वीरें ली। इसके बाद कैसिनी शनि ग्रह की सतह की तरफ बढ़ा। सतह पर पहुंचते ही कैसिनी में छोटे-छोटे विस्फोट होने शुरू हो गए और वो नष्ट हो गया। बता दें कि कैसिनी ने अपने 20 सालों के सफर में शनि ग्रह के 6 नए उपग्रह खोजे। इस दौरान इस यान ने करीब 790 करोड़ किलोमीटर का सफर तय किया। नासा के इस महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट में 27 देशों ने शिरकत की थी
फरवरी 22 , 2019
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