नवरात्रि में सही विधि विधान से मां का पूजन बहुत ही फलदायी होता है। दुर्गा सप्तशती वैसे तो सैकड़ों श्लोक हैं, इनमें कुछ विशेष श्लोकों के पाठ, जाप से रोग, शोक, दुख का नाश होने के साथ ही हर मुराद पूरी हो सकती है। यही नहीं जो लोग दुर्गा सप्तशती का पाठ न करें वो इन मंत्रों का पाठ, जाप करें।
विघ्न बाधा दूर करने के लिए
सर्वाबाधा-विनिर्मुक्तो, धनधान्यसुतान्वितः।
मनुष्यो मत्प्रसादेन् भविष्यति न संशयः।।
मां की कृपा पाने के लिए
शरणागत-दीनार्त-परित्राण-परायणे,
सर्वस्यार्तिहरे देवि! नारायणि! नमोस्तुते।।
रोग नाश के लिए
रोगानशेषानपहंसि तुष्टा
रुष्टा तु कामान् सकलानभीष्टान।
त्वांमाश्रितानां न विपन्नराणां
त्वामाश्रिता ह्याश्रयतां प्रयान्ति।।
लक्ष्मी प्राप्ति के लिए
या देवी सर्वभूतेषु लक्ष्मी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
या देवी सर्वभूतेषु वृत्ति रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
मंगल कामना के लिए
सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।
शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणि नमोस्तुते॥
दुख, दरिद्रता दूर करने के लिए
दुर्गे स्मृता हरसि भीतिमशेषजन्तो:,
स्वस्थै: स्मृता मतिमअतीव शुभां ददासि।
दारिद्रय-दु:ख-भयहारिणी का त्वदन्या,
सर्वोपकार करणाय सदाऽर्द्रचित्ता:।।
विद्या पाने के लिए
विद्यावंतं यशस्वंतं लक्ष्मीवंतं जनंकूरू।
रूपंदेहि जयंदेहि यशोदेहि द्विषोजहि॥
सौभाग्य के लिए
देहि सौभाग्यमारोग्यं देहि मे परमं सुखम्।
रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि॥
शुभ गुणों वाली पत्नी के लिए
पत्नीं मनोरमां देहि मनोवृत्तानुसारिणीम्।
तारिणीं दुर्गसंसारसागरस्य कुलोद्भवाम्।।
इन मंत्रों का हर रोज 108 बार पाठ, जाप करें, अगर इतना न हो सके तो कम से 11, 21,या फिर 51 बार पाठ करें। ध्यान रखें, इन मंत्रों के पाठ, जाप के समय दीपक जरूर जलता रहना चाहिए। पूरी श्रद्धा, विश्वास और मन से इन मंत्रों के पाठ से मां जगदंबा अपने भक्तों की सभी मनोकामना पूरी करती हैं।
आचार्य कमल नयन तिवारी
फरवरी 22 , 2019
फरवरी 22 , 2019
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फरवरी 22 , 2019
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