प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने 67वें जन्मदिन के अवसर पर गुजरातवासियों को बर्थडे गिफ्ट दिया है। उन्होंने अपने गृह राज्य गुजरात में सरदार सरोवर बांध परियोजना का उद्घाटन कर दिया है।
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— ANI (@ANI) September 17, 2017
बांध की ऊंचाई बढ़ने से प्रयोग करने वाली जल क्षमता 4.73 एकड़ फुट (एमएएफ) हो जाएगी, जिससे गुजरात ,राजस्थान, मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र के लोगों को फायदा होगा।
इस परियोजना से गुजरात के जल रहित क्षेत्रों में नर्मदा के पानी को नहर और पाइपलाइन नेटवर्क के जरिये पहुंचाने में मदद मिलेगी और सिंचाई सुविधा में विस्तार होगा, जिससे 10 लाख किसान को फायदा पहुंचेगा। साथ ही कई गांवों में पीने का पानी पहुंचेगा और यह 4 करोड़ लोगों को फायदा पहुंचाएगा।
रविवार सुबह इलाके में खराब मौसम के कारण पीएम मोदी के हेलीकॉप्टर को दभोई में ही लैंड कराना पड़ा। इस वजह से पीएम मोदी सड़क मार्ग से केवड़िया पहुंचे और कार्यक्रम में करीब 1 घंटे की देरी हुई।
आइए जानते हैं सरदार सरोवर बांध की 10 बड़ी बातें
-सरदार सरोवर बांध की नीव भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाला नेहरू ने 5 अप्रैल, 1961 में रखी थी।
- नर्मदा नदी पर बना 800 मीटर ऊंचा बांध है।
-सरदार सरोवर बांध दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा बांध है।
-यूएस का ग्रांड कोली डेम दुनिया का सबसे बड़ा बांध है।
-बांध के 30 दरवाजे हैं। हर दरवाजे का वजन 450 टन है।
-हर दरवाजे को बंद करने में एक घंटे का समय लगता है।
-ये बांध अब तक 16,000 करोड़ की कमाई कर चुका है।
-जो इसके स्ट्रक्चर पर हुए खर्च से तकरीबन दोगुना है।
-सरदार सरोवर बांध की 4.73 मिलियन क्यूबिक पानी स्टोर करने की क्षमता है।
17 जून को हुए थे बांध के 30 दरवाजे बंद
सरदार सरोवर बांध को लेकर 1985 में जबरदस्त विरोध हुआ था। सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर की अगुवाई में डैम का निर्माण रोकने की कोशिश हुई थी। 7. बांध की ऊंचाई 138 मीटर है। ये देश में बना सबसे ऊंचा बांध है। नर्मदा नियंत्रण प्राधिकरण ने 17 जून को बांध के 30 दरवाजे बंद किये थे। इसके बाद ये अभी तक बंद थे।
गुजरात में जश्न, एमपी में 'शोक'
सरदार सरोवर बांध का का उद्देश्य गुजरात के सूखाग्रस्त इलाकों में पानी पहुंचाना और मध्य प्रदेश के लिए बिजली पैदा करना है। गुजरात में बांध के उद्घाटन को लेकर खुशी है तो वहीं मध्य प्रदेश मके कई इलाकों में शोक का माहौल है। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में लोग सरदार सरोवर बांध का विरोध कर रहे हैं। लोगों ने सिर मुंडवाते हुए प्रतीकात्मक शव रखकर सरकार का विरोध किया है। सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर के साथ सैकड़ों लोग पानी में बैठकर विरोध कर रहे हैं।
इनका कहना है कि सरदार सरोवर के 30 गेट खुलते ही, मध्य प्रदेश के अलीराजपुर, बड़वानी, धार, खारगोन जिलों के 192 गांवों, धर्मपुरी, महाराष्ट्र के 33 और गुजरात के 19 गांव इतिहास का हिस्सा बन जाएंगे. देश के शहरी इलाकों को रोशन करने, पानी भरने हज़ारों लोगों के घर में हमेशा के लिये अंधेरा छा जाएगा। विरोध कर रहे लोगों का कहना है कि पीएम देश के लोगों के साथ ऐसा कैसे कर सकते हैं।
फरवरी 16 , 2019
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