एनडीए की सबसे पुरानी साथी रही शिवसेना ने 2019 में होने वाले लोकसभा और विधानसभा चुनाव अकेले लड़ने का फैसला किया है। शिवसेना की मंगलवार को हुई एक अहम बैठक में इस बारे में फैसला लिया गया।
शिवसेना ने कहा कि उसने गठबंधन बनाए रखने के लिए हमेशा ही समझौता किया, लेकिन बीजेपी ने शिवसेना को नीचा दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। शिवसेना अब गरिमा के साथ चल सकेगी। पार्टी ने कहा कि वह लोकसभा और विधानसभा चुनाव अकेले लड़ेगी।
We will fight 2019 Assembly and Lok Sabha elections alone: Sanjay Raut, Shiv Sena pic.twitter.com/tByUPrWfk8
— ANI (@ANI) January 23, 2018
उल्लेखनीय है कि शिवसेना और बीजेपी में राज्य और केंद्र स्तर पर संबंधों में लंबे समय से तनाव चल रहा है। उद्धव ठाकरे ने कुछ दिन पहले ही धमकी दी थी कि अगर जरूरत हुई तो उनकी पार्टी एनडीए से अलग भी हो जाएगी। पार्टी नेता संजय राउत ने कहा कि उनकी पार्टी 2019 का लोकसभा और विधानसभा चुनाव अलग लड़ेगी।
शिवसेना के इस फैसले को उद्धव के बयान से ही जोड़कर देखा जा रहा है। गौरतलब है कि 2014 में पिछला विधानसभा चुनाव भी सीटों के बंटवारे पर पेच फंसने के कारण बीजेपी और शिवसेना ने अलग ही लड़ा था।
इस चुनाव में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी और शिवसेना ने चुनाव बाद बीजेपी से गठबंधन कर सरकार बनाई थी।
हाल के दिनों में महाराष्ट्र सरकार में शिवसेना और बीजेपी के बीच तकरार चल रही है। दोनों पार्टी के नेता एक-दूसरे पर बयानबाजी कर रहे हैं। शिवसेना ने अपने मुखपत्र 'सामना' के जरिए हाल के दिनों में नरेंद्र मोदी सरकार की कई मुद्दों पर आलोचना की है। शिवसेना पीएम मोदी के अहम फैसले नोटबंदी का विरोध कर रही थी।
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इसके अलावा सीमा पर पाकिस्तानी गोलाबारी पर भी सामना के जरिए केंद्र सरकार पर निशाना साधा जाता रहा है। सेना ने बुलेट ट्रेन परियोजना की भी केंद्र सरकार की तीखी आलोचना की थी।
गौरतलब है कि महाराष्ट्र की देवेंद्र फडणवीस सरकार में 39 सदस्यीय मंत्रिमंडल में शिवसेना के 12 मंत्री हैं। इनमें 5 कैबिनेट स्तर के मंत्री शामिल हैं। केंद्र में एनडीए सरकार में शिवसेना का एक मंत्री अनंत गीते हैं।
फरवरी 16 , 2019
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