बांग्लादेश-म्यांमार सीमा पर रोहिंग्या मुस्लिम शरणार्थियों की मदद करने के लिए भारत से सिख वॉलियंटर्स पहुंचे हैं। भारत से पहुंचे इन सिख वॉलियंटर्स ने गुरुवार को ‘गुरु लंगर’ शुरु किया हैं। सिख संगठन 'खालसा एड' के वॉलिन्टियर्स रविवार रात को बांग्लादेश-म्यामांर के बॉर्डर पर पहुंचे और म्यामांर से आए लाखों परिवारों की मदद कर रहे हैं। सिख वॉलियंटर्स इन शर्णार्थियों के लिए खाने पीने और रहने की व्यवस्था कर रहे हैं। ‘द खालसा एड’ टीम ने सीमावर्ती शहर तेकनाफ में अपना कैंप लगा रखा है।
शरणार्थियों को खाना बांटने के लिए बांग्लादेश की सरकार ने भी अनुमति दे दी हैं। यह टीम पहले पैक फूड आइटम और पानी शरणार्थियों को बांट रही थी। लेकिन गुरूवार को शाहपुरी द्वीप पर लंगर सेवा शुरू कर दी गयी हैं। शाहपुरी द्वीप पर रोहिंग्या मुस्लिम टूटी नावों पर सफर करके म्यांमार से यहां पहुंच रहे हैं। खालसा एड (इंडिया) के मैनेजिंग डायरेक्टर अमरप्रीत सिंह ने कहा ‘हम लोगों ने पहली बार यहां पर खाना तैयार करके बांटा है।
#RohingyaMuslims :
— Khalsa Aid (@Khalsa_Aid) September 12, 2017
Humanity is above all !! Our volunteers are on border of Bangladesh/Myanmar are reaching out to refugees. #Humanity. pic.twitter.com/uFdczAy681
हम लोगों ने चावल, सब्जी और बड़े बर्तन बुधवार को बांग्लादेश सरकार से अनुमति मिलने के बाद खरीद लिए थे। हमारा शुरुआती टारगेट 35 हजार लोगों को हर रोज खाना खिलाना है। हालांकि, शरणार्थियों की बढ़ती संख्या तो देखते हुए, हमें पता है कि यह काफी नहीं है, लेकिन हमें कहीं से तो शुरूआत करनी थी।’
फरवरी 22 , 2019
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